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4th April 2019
घर बदलने, आशियाना बसाने में गुजरती जिंदगी, क्या संदेश है जानते हो?
रिचा चतुर्वेदी सोसायटी में खड़ा बांधा हुआ ट्रक देख रही हूँ। बचपन से ही काफी घर, काफी शहर ट्रांसफर्स के चलते बदले हैं। सामान बंधता है तो हर कमरा कुछ पुठ्ठे के बाक्सेस में सिमटने लगता है। जो बांधा नहीं …